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Bhagwat Geeta Hindi PDF Download
Shrimad Bhagwat geeta Audio- एक रहसयमय ग्रंथ है जिसमे सभी वेदो और जीवन का सार दिया गया है जो भी मनुस्य साफ़ मन से और ध्यान लगा कर गीता को पढता है उसके सभी दुःख , शोक , भय , चिंताओं को Bhagwan Vishnu हर लेते है जो मनुष्य हमेशा Gita को पढता उसमे बताई गयी बातो को अपने जीवन में धारण करता है उसके पिछले जन्म और इस जन्म में किये हुए सभी पाप ख़तम हो जाते है पानी से स्नान करने पर इस देह का मैल साफ होता है लेकिन Geeta रूपी अमृत जल से किया हुआ स्नान आत्मा के मैल को भी खत्म कर देता है जो मनुष्य श्री krishan Bhagwan के मुख से बताई इस गीता को समझ जाता है वो मनुष्य इस संसार में बार बार जन्म लेने के बंधन से मुक्त हो जाता है अर्थात मोक्ष को प्राप्त होता है
गीता के 18 अध्याय है जो इस प्रकार है Bhagavad Gita audio
अध्याय 1 – अर्जुन विषाद योग bhagavad gita quotes
01-11 : दोनों सेनाओ के शुर वीरो की गणना प्रसंग | 12-19 :दोनों सेनाओ की संख ध्वनि प्रसंग | 20-27 :अर्जुन के द्वारा सेना का निरक्षण 28-47 :मोह में आ कर अर्जुन के का शोकाकुल होना
अध्याय 2 – सांख्य योग bhagwat geeta hindi
01-10 : अर्जुन की कायरता विषय पर कृष्ण – अर्जुन की बाते 11-30 :सांख्ययोग विषय 31-38 :क्षत्रिय धर्म के अनुसार युद्ध करने की सिख 39-53 :कर्म योग का विषय 54-72 :स्थिर बुद्धि पुरुष के लक्षण और उसकी महिमा
अध्याय 3 – कर्म योग bhagwat geeta in hindi
01-7 : ज्ञान योग और कर्मयोग के अनुसार अनासक्त भाव से नियत कर्म करने की श्रेष्ठा का निरक्षण करना 08-16 :यज्ञादि कर्मो की आवश्यकता का निरक्षण 17-24 :ज्ञानवान और भगवान के लिए लोक संग्राथ कर्मो की आवश्यकता 25-34 :अज्ञानी और ज्ञान के लक्षण व द्वैष रहित होकर कर्म करने के लिए प्रेरणा 35-43 :काम के निरोध का विषय
अध्याय 4 -ज्ञान कर्म सन्यास योग bhagavad gita pdf
01-18 :सगुण भगवान का प्रभाव और कर्म योग का विषय 19-23 :योगी महात्माओ के आचरण और उनकी महिमा 24-32 :फल सहित अलग अलग यज्ञो का कथन 33-42 :ज्ञान की महिमा
अध्याय 5 – कर्मसन्यास योग bhagwat geeta hindi pdf
01-6 :सांख्य योग और कर्म योग का निर्णय 07-12 :सांख्य योगी और कर्मयोगी के लक्षण और महिमा 13-26 :ज्ञान योग का विषय 27-29 : भक्ति सहित ध्यान का विषय
अध्याय 6 -आत्म संयम योग bhagwat geeta in hindi pdf
01-4 :कर्म योग का विषय और योगारूढ़ पुरुष के लक्षण 05-10 :आत्म- उद्धार के लिए प्रेरणा और भगवत्प्राप्त पुरुष के लक्षण 11-32 :ध्यान योग का विषय विस्तार से 33-36 :मन के निग्रह का विषय 37-47 :योग भ्रष्ट पुरुष की गति का विषय और ध्यान योगी की महिमा
अध्याय 7 – ज्ञान विज्ञानं योग bhagwat geeta pdf in hindi
01-7 :विज्ञानं सहित ज्ञान का विषय 08-12 :सम्पूर्ण पर्दार्थो में कारण रूप से भगवान की व्यापकता का कथन 13-19 :आसुरी सवभाव वालो की निंदा और भगवत भक्तो की निंदा 20-23 :अन्य देवतावो की उपासना का विषय 24-30 :भगवान के प्रभाव और सवरूप को न जानने वालो की निंदा और जानने वालो की महिमा
अध्याय 8 – अक्षर ब्रह्मा योग bhagavad gita audio
01-7 :ब्रह्मा , अध्यात्म और कर्मो के विषय में अर्जुन के प्रश्न और उनका उतर 08-22 :भक्ति योग का विषय 23-28 :शुक्ल और कृष्णमार्ग का विषय
अध्याय 9 – राजविधा राजगुरहा योग bhagwat geeta read in hindi
01-6 :प्रभाव सहित ज्ञान का विषय 07-10 :जगत की उत्पति का विषय 11-15 :भगवान का तिरस्कार करने वाले आसुर प्रविति वालो की निंदा और देव प्रवित्ति वालो के भक्तजनो के प्रकार 16-19 :सर्वात्तम रूप से प्रभाव सहित भगवान स्वरूप का वर्णन 20-25 :सकाम और निष्काम उपासना का फल 26-34 : निष्काम भगवान भक्ति की महिमा
अध्याय 10 – विभूति योग bhagavad gita quotes hindi
01-7 :भगवन की विभूति और योग शक्ति का कथन और उनके जानने का फल 08-11 :फल और प्रभाव सहित भक्ति योग का कथन 12-18 : अर्जुन द्वारा भगवान की स्तुति तथा विभूति और योग शक्ति को कहने के लिए प्रार्थना
अध्याय 11 – विश्र रूप दर्शन योग bhagwat geeta saar in hindi
01-4 :विश्र रूप के दर्शन हेतु अर्जुन की प्रार्थना 05-8 :भगवान द्वारा अपने विश्र रूप का वर्णन 09-14 :संजय द्वारा विश्र रूप का वर्णन 15-31 :अर्जुन द्वारा भगवान के विश्र रूप का देखा जाना और उनकी स्तुति करना 32-34 :भगवान् द्वारा अपने प्रभाव का वर्णन और अर्जुन को युद्ध के लिए उत्साहीत करना 35-46 :भयभीत होने पर अर्जुन के द्वारा भगवान कृष्णा की स्तुति और चतुर्भुज रूप का दर्शन कराने के लिए निवेदन करना 47-50 :भगवान द्वारा अपने विश्र रूप के दर्शन की महिमा का कथन तथा चतुर्भुज और सौम्यरूप का दिखाया जाना 51-55 :बिना अन्नय भक्ति के चतुर्भुजरूप के दर्शन की दुर्लभता और फल सहित अन्नय भक्ति का कथन
अध्याय 12 -भक्ति योग bhagwat geeta saar
01-12 :साकार और निराकार के उपासको की उत्तमता का निर्णय और भगवत प्राप्ति के उपाय का विषय 13-20 :भगवत- प्राप्त पुरुषो के लक्षण
अध्याय 13 – क्षेत्र क्षेत्रज्ञ विभाग योग bhagwat geeta katha
01-18 :ज्ञान सहित क्षेत्र-क्षेत्र का विषय 19-34 :ज्ञान सहित प्रक़ति पुरुष का विषय
अध्याय 14 – गुणत्रय विभाग योग bhagwat geeta download
01-4 :ज्ञान की महिमा और प्रकति -पुरुष से जगत की उत्पति 05-18 :सत् ,रज , तम – तीनो गुणों का विषय 19-27 :भगवत्प्राप्ति का उपाय और गुणातीत पुरुष के लक्षण
अध्याय 15 – पुरुषोतम योग bhagwat geeta hindi mein
01-6 :संसार वृक्ष का कथन और भगवत्प्राप्ति उपाय 07-11 :जीवात्मा का विषय 12-15 :प्रभाव सहित पर्मेश्वर के स्वरूप का विषय 16-20 : श्रर , अक्षर , पुरषोतम का विषय
अध्याय 16 – देवासुर संपधिभाग योग bhagwat geeta song
01-5 :फल सहित देवी और आसुरी सम्पदा का विषय 06-20 :आसुरी सम्पदा वालो के लक्षण और उनकी अधोगति का कथन 21-24 :शास्त्र विपरीत आचरणों को त्यागने और शास्त्रानुकूल आचरणों के लिए प्रेरणा
अध्याय 17 – श्रद्धात्रय विभाग योग bhagwat geeta ka saar
01-6 :श्रद्धा का और शास्त्र विपरीत घोर तप करने वालो का विषय 07-22 :आहार ,यज्ञ , तप ,और दान के अलग अलग भेद 23-28 :ॐ तत्सत के प्रयोग की व्याख्या
अध्याय 18 – मोक्ष सन्यास योग bhagwat geeta updesh
0 1-12 :त्याग का विषय 13-18 :कर्मो के होने में सांख्य सिद्धांत का विषय 19-40 :तीनो गुणों के अनुसार ज्ञान , कर्म ,कर्ता , बुद्धि , धृति और सुख के अलग अलग भेद 41-48 :फल सहित वर्ण धर्म का विषय 49-55 :ज्ञान निष्ठां का विषय 56-66 :भक्ति सहित कर्म का विषय 67-78 :श्री गीता जी का माहात्म्य
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Writing font kaun sa hai good font
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